Chapter 17

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आसमान में आज एक बदल मेरा भी हैं
ओढ़ा हैं तूने पर आंचल मेरा भी हैं
ढूंढ ही ली आखिर अपनी परछाई मैंने
साँसो में तेरी एहसास शामिल मेरा भी हैं
बिन मौसन धूप खिल गयी हो जैसे
बारिश में रूह धुल गयी हो जैसे
जैसे फिर पकड़ी हैं आज उंगली मेरी किसी ने
आज दिल किसी का कायल मेरा भी हैं

ՏOᑌᒪWhere stories live. Discover now