अंत में बालक मुँह लटकाकर बैठ गया । कुछ समय मौन रहा, तत्पश्चात लव की ओर सिर उठाकर निर्दोष स्वर में बोला,"आपने यह क्यों धारण किया है?"
लव ने अचंभित हो कर कहा,"मैंने?"। बालक ने हामी भरी ।
"यह मुखौटा?"
बालक ने उत्साहित होकर कहा," हाँ, यही!"।इतना सुनते ही ध्रुव ने भी यहाँ ध्यान देना आरंभ किया; यद्यपि मुख पर ऐसा भाव लिए था उसने कुछ सुना ही नहीं।
युवराज ने सिर हिलाया एवं कुछ अच्छा बहाना विचारकर कहने जा ही रहे थे कि कुमार आयुध का स्वर सुनाई दिया।
"क्षमा करें कुमार, किंतु यह द्वार शेष से भिन्न है।",कुमार आयुध ने युवराज का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा। "यह मार्ग अब भी आगे की ओर विस्तृत है ।" उन्होंने इस बार युवराज की दिशा में देखते हुए कहा; अग्नि के कारण स्वर्ण-से चमकते वही नेत्र ।
युवराज ने उस शिला को देखा । तत्पश्चात ध्रुव की ओर देखते हुए प्रश्न किया,"क्या आप यह द्वार जानते हैं?"
"...मुझे कुछ स्मरण नहीं" लव को उत्तर प्राप्त हुआ।शिला पर देवी का स्वरुप उत्कीर्ण था। युवराज द्वार की ओर बढ़े व उसे बड़े ध्यान से देखते रहे। मुखौटे से बाहर दिखती उनकी आंखों का सिकुड़ना यह संकेत था कि वे किसी गहरे चिंतन में थे।
कुछ क्षण पश्चात गहरी श्वास लेकर अंततः बोले,"अभी तक यहाॅं जो कुछ अनुभव किया है...,वह परिचित सा लगता है कदाचित किसी पुस्तक में सामान्य विश्लेषणों का अध्ययन किया है। इस टीले(छोटी पहाड़ी) पर एक मंदिर है । पुस्तक के विश्लेषण के अनुसार ऐसे ही किसी पूजनीय स्थल का वर्णन है जिसका विवरण इस बात से सामान्यता रखता है कि इस शिला पर पंच-तत्व स्पष्ट हैं। यदि मेरा अनुमान यथार्थ है तो उस पुराने मंदिर को ही उस विश्लेषण में 'पूजनीय स्थल' से संबोधित किया गया है । यह चित्र देवी का है जो स्थानीय जनों की मान्यता अनुसार इस पहाड़ी व वन की रक्षा करती हैं।...एवं हम इस समय उसी मंदिर के दक्षिण में उपस्थित हैं।"
ध्रुव की ओर देखते हुए उन्होंने क्या,"क्या ऐसा संभव है कि यहाँ आपके अतिरिक्त भी कोई अन्य था?" ध्रुव ने कुछ विचार कर कहा,"...मुझे ऐसा कोई अनुमान नहीं, युवराज।"
YOU ARE READING
शाश्वतम् प्रेमम्(Eternal love)
Historical Fictionश्वास का मंद स्वर,केश इधर-उधर बिखरे हुए,उसके ओठों पर गहरा लाल रंग छाया हुआ,अर्धचंद्र की चांदनी में उसका मुख उन पारदर्शी नयनों से अलौकिक प्रतीत हो रहा था .... An Indian historical bl (युवालय) written in Hindi. Starts on - 31st March, 2023 {Friday}